Friday, September 11, 2009

आधे-अधूरे हम...













आधे-अधूरे रास्तों का सफर...
आधे-अधूरे सपनों का सफर...
है आधे-अधूरे रिश्तें और
कुछ अधूरे हसरतों का सफर...

निकले तो थे तलाश में लेकिन
लौट आए मंज़िल से पहले हम...

एक आधी-अधूरी ज़िन्दगी मेरी
और एक आधे-अधूरे से हम...

थी एक ख्वाहिश दिल में कही...
मिले मुकम्मल ज़िन्दगी कभी...
पर लगता है हो गई है मुझे
आदत एक अधूरी ज़िन्दगी की...

जी रहे है बेवजह सी लेकिन
ना गिला है ना कोई ग़म...

एक आधी-अधूरी ज़िन्दगी मेरी
और एक आधे-अधूरे से हम....

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