जब तक न कोई आगे बढ़े
चलते नहीं कदम हमारे
जब तक न कोई आवाज़ दे
गूंजते नहीं कही से नारे
गिर जाए गर राह में कोई
हो जाते है सभी किनारे
थी वो कौन सी दुनिया जहाँ
मिल जाते थे कभी सहारे?
दिल भी अब दिखावा ही समझे
समझे न ये प्यार के इशारे
अधूरा वक़्त है, अधूरे एहसास
रिश्तों को कैसे कोई सवारे?
है उम्मीद फिर भी कही न कही
लौट आएँगी फिर से बहारें
जब मन ही मन ये दुनिया सारी
उस रूठे मौसम को पुकारे
Bhai sahab... Im totally fida on this one! Adhura waqt hai, adhure ehsaas... rishton ko kaise koi sanware... kya line hai!! Mashallah! - Sush
ReplyDeleteyea seriously, that line's best! nice that u got rid of what u had there before! :)
ReplyDeletesecond best line:
"दिल भी अब दिखावा ही समझे"!! awesomatically shit!!
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worst is when something so totally inside as a heart too feels infected!
wah galib! :P
cheers!
-x
I NEVER THOUGHT THAT YOUR HINDI IS SO GOOD....THIS IS ONE REALLY GOOD....
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