(Barfi & Jhilmil: Illustration by me)
कई राहें चलकर देखी हमने मगर
सुकून कही मिला ही नहीं
ख़ुद को वही छोड़ आए है शायद
जिस राह में हम बिछड़े थे आपसे
सोचते है बहुत अब, कुछ कहने या करने
से पहले, वह बेफ़िक्र
मासूम सी आज़ादी भूल आए है शायद
जिस राह में हम बिछड़े थे आपसे
रिश्तों से मन भर सा गया हैं, दिल भी अब
ख़ामोश सा रहता हैं
एतबार-ए-दिल खो आए है शायद
जिस राह में हम बिछड़े थे आपसे